Jaishankar Prasad Ka Jivan Parichay ( जयशंकर प्रसाद का जीवन परिचय )
जयशंकर प्रसाद
जीवन परिचय -
श्री जयशंकर प्रसाद का जन्म सन 1889 ई• में काशी में हुआ था | इनके पिता श्री देवीप्रसाद जी काशी के प्रसिद्ध जर्दा विक्रेता थे प्रसाद जी जब 12 वर्ष के ही थे की इनके पिता परलोकवासी हो गये और घर का सारा भार बालक प्रसाद के कन्धों पर आ पड़ा |उसके के बाद जयशंकर प्रसाद जी ने घर पर ही अध्ययन करके हिन्दी, संस्कृत तथा अंग्रेजी का गम्भीर ज्ञान प्राप्त कर लिया बचपन से ही इनका जीवन संघर्षो में बीता | माता की भी मृत्यु हो गयी विधवा भाभी और मातृहीन शंकर को देखकर वे अपने आँसू सम्भाल न पाते थे | उनके आँसू काव्य में इसी विषाद की गूँज सुनाई पड़ती है अधिक श्रम से जर्जर होकर 14 नवम्बर सन 1937 ई• को 48 वर्ष की अल्पायु में इनका स्वर्गवास हो गया |
साहित्यिक परिचय -
प्रसाद जी महान कवि, उच्च कोटि के नाटककार कहानीकार चिन्तक लेखक तथा उपन्यासकार थे | प्रसाद जी ने काव्य के विषय तथा क्षेत्र दोनों में मौलिक परिवर्तन किये | इन्होंने रीतिकाल में बदनाम श्रृंगार रस में सात्विकता का समावेश किया और श्रृंगार रस को पुनः रसराज पद पर स्थापित किया |
कृतियाँ -
प्रसाद जी महान साहित्यकार थे उनका साहित्य अत्यन्त विशाल है | साहित्य की विविध विधाओं पर उन्होंने अपनी लेखनी चलायी है |
इनकी मुख्य कृतियाँ इस प्रकार है |
- चित्राधार
- कानन कुसुम
- महाराणा का महत्त्व
- प्रेम पथिक
- झरना
- आँसू
- लहर
- कामायनी
- राज्यश्री
- अजातशत्रु
- चन्द्रगुप्त
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